कादम्बिनी क्लब, हैदराबाद

दक्षिण भारत के हिन्दीतर क्षेत्र में विगत २ दशक से हिन्दी साहित्य के संरक्षण व संवर्धन में जुटी संस्था. विगत २२ वर्षों से निरन्तर मासिक गोष्ठियों का आयोजन. ३०० से अधिक मासिक गोष्ठियाँ संपन्न एवं क्रम निरन्तर जारी...
जय हिन्दी ! जय हिन्दुस्तान !!

Tuesday 5 July 2016

आ साजन मोरे नयनन में - अमीर ख़ुसरो

आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ
न मैं देखूँ औरन को, न तोहे देखन दूँ

अपनी छवि बनाई के जो मैं पी के पास गई
जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई

खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय
वेद, कुरान, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय

संतों की निंदा करे, रखे पर नारी से हेत
वे नर ऐसे जाऐंगे, जैसे रणरेही का खेत

खुसरो सरीर सराय है क्यों सोवे सुख चैन
कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन

- अमीर ख़ुसरो !!

No comments:

Post a Comment