आस होगी न आसरा होगा
आने वाले दिनों में क्या होगा
मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिन
वक़्त सब कुछ बदल चुका होगा
नाम हम ने लिखा था आँखों में
आँसुओं ने मिटा दिया होगा
आसमाँ भर गया परिंदों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा
कितना दुश्वार था सफ़र उस का
वो सर-ए-शाम सो गया होगा
- बशीर बद्र !!
(सर-ए-शाम - शाम होते ही)
आने वाले दिनों में क्या होगा
मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिन
वक़्त सब कुछ बदल चुका होगा
नाम हम ने लिखा था आँखों में
आँसुओं ने मिटा दिया होगा
आसमाँ भर गया परिंदों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा
कितना दुश्वार था सफ़र उस का
वो सर-ए-शाम सो गया होगा
- बशीर बद्र !!
(सर-ए-शाम - शाम होते ही)
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