सर्दी की एक सुबह जब
नया साल घर आया
मैंने झट दरवाजा खोला
भीतर उसे बिठाया
माँ थोड़े से काजू किशमिश
और खीर ले आई
नए साल के संग फिर हमने
फोटो भी खिंचवाई
फिर मैं बोला नए साल तुम
सबको खुशियाँ देना
भूखों को भोजन दे देना
निर्धन को धन देना
नए साल ने ये सब सुनकर
मुझको गले लगाया
ढेरों खुशियाँ संग में लेकर
नया साल घर आया
- नीरज त्रिपाठी !!
नया साल घर आया
मैंने झट दरवाजा खोला
भीतर उसे बिठाया
माँ थोड़े से काजू किशमिश
और खीर ले आई
नए साल के संग फिर हमने
फोटो भी खिंचवाई
फिर मैं बोला नए साल तुम
सबको खुशियाँ देना
भूखों को भोजन दे देना
निर्धन को धन देना
नए साल ने ये सब सुनकर
मुझको गले लगाया
ढेरों खुशियाँ संग में लेकर
नया साल घर आया
- नीरज त्रिपाठी !!
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