एक शिक्षक
को अपने इंस्पेक्टर के दौरे का भय हुआ और वह क्लास को भूगोल रटाने लगा। कहने लगा
कि पृथ्वी गोल है। यदि इंस्पेक्टर पूछे कि पृथ्वी का आकार कैसा है और तुम्हें याद
न हो तो मैं सुंघनी की डिबिया दिखाऊंगा, उसे देखकर उत्तर देना। गुरुजी की डिबिया गोल
थी।
इंस्पेक्टर
ने आकर वहीं प्रश्न एक विद्यार्थी से किया और उसने बड़ी उत्कंठा से गुरुजी की ओर
देखा। गुरु ने जेब में से चौकोर डिबिया निकाली। भूल से दूसरी डिबिया आई थी। लड़का
बोला, 'बुधवार को
पृथ्वी चौकौर होती है और बाकी सब दिन गोल।'
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