कादम्बिनी क्लब, हैदराबाद

दक्षिण भारत के हिन्दीतर क्षेत्र में विगत २ दशक से हिन्दी साहित्य के संरक्षण व संवर्धन में जुटी संस्था. विगत २२ वर्षों से निरन्तर मासिक गोष्ठियों का आयोजन. ३०० से अधिक मासिक गोष्ठियाँ संपन्न एवं क्रम निरन्तर जारी...
जय हिन्दी ! जय हिन्दुस्तान !!

Wednesday 6 July 2016

समर्पण - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

घास की एक पत्ती के सम्मुख
मैं झुक गया
और मैने पाया कि
मैं आकाश छू रहा हूँ

- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना !!

No comments:

Post a Comment